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Tuesday, August 26, 2014

राग भूपाली ......!!















आज राग भूपली की कुछ नायाब बन्दिशें हैं .....!!यह कल्याण ठाट का राग है !गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहर है |   जाती औडव है क्योंकि आरोह-अवरोह में सिर्फ पाँच स्वरों का प्रयोग है |सोच रही हूँ भूपाली  की बहुत सारी बन्दिशें सुना कर थोड़ा राग से आपको अवगत कराऊँ ....!!

आरोह: सा रे ग प ध सां

अवरोह:  सां  ध प ग रे सा ॰    








    




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